भारतीय निवेश बाजार में म्यूचुअल फंड एक बहुत ही बड़ा निवेश का क्षेत्र है, म्यूचुअल फंड की बहुत सी केटेगरी और उनकी स्कीम होती है जिससे हम सभी निवेशकों को अपने अनुसार अपनी सुविधा और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बहुत ही आसानी से Mutual Fund की स्कीम को चुन सकते है।
म्यूचुअल के प्रकार – Types of Mutual Fund in Hindi
म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते है आज आपको इस लेख के माध्यम से म्यूचुअल फंड के सभी स्कीम की जानकारी दी जाएगी।
- इक्विटी फंड (Equity Fund)
- डेट फंड (Debt Fund)
- हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund)
- सलूशन ओरिएंटेड फंड (Solution Oriented Fund)
- अन्य फंड (Other Fund)
इक्विटी फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम का मुख्य उद्देश्य अपने निवेशकों को शेयर बाजार से अच्छा मुनाफा बना कर देना होता है यानी म्यूचुअल फंड के इक्विटी केटेगरी के फंड्स शेयर बाजार में निवेश करते है इसलिए इन फंड्स में रिस्क भी बहुत ज्यादा होती है और रिटर्न भी ज्यादा ही मिलता है।
– इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी अलग-अलग स्कीम होती है जिनके बारे में निचे बताया गया है।
डेट म्यूचुअल फंड
डेट म्यूचुअल फंड का मुख्य उद्देश्य ब्याज इनकम(Interest Income) बनाना होता है यानी निवेशकों का मूलधन सुरक्षित रहता है और उस मूलधन पर ब्याज निवेशकों को दिया जाता है डेट फंड अपना पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में लगाते है जैसे – सरकारी या प्राइवेट बॉन्ड्स, मनी मार्किट इंस्ट्रूमेंट्स आदि।
– डेट म्यूचुअल फंड भी बहुत सी स्कीम में उपलब्ध होते है निचे डेट फंड के प्रकार का वर्णन देख सकते है।
हाइब्रिड फंड क्या है
हाइब्रिड फंड जिसे बैलेंस्ड फंड भी कहते है इस फंड में इक्विटी शेयर और डेट फंड सिक्योरिटीज के मिंश्रण होता है हाइब्रिड फंड में फंड मैनेजर द्वारा बाजार की स्थिति और फंड के नियमों को ध्यान में रखते हुए इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है। इस फंड में न तो ज्यादा रिस्क होती है और न ही ज्यादा रिटर्न मिलता है।
सलूशन ओरिएंटेड फंड
ऐसे म्यूचुअल फंड्स जो बच्चों के भविष्य और आपकी रिटायरमेंट की बेस्ट प्लानिंग के लिए बनाये गए है सलूशन ओरिएंटेड फंड किसी विशेष लक्ष्य को पूरा करने के लिए होते है जैसे बच्चों के शिक्षा, रिटायरमेंट पेंशन योजना, बच्चो के विवाह की योजना आदि , इन फंड्स में निवेश करने के लिए निवेशकों को निश्चित अवधि के लिए निवेश करना पड़ता है यह म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए होते है जिनका लक्ष्य निश्चित और लम्बे समय में होता है। इन Mutual Fund में रिटर्न भले ही कम मिलता है लेकिन इससे आपके बच्चो का फ्यूचर और आपका रिटायरमेंट अच्छा हो जाता है।
अन्य म्यूचुअल फंड
ऐसे फंड्स जो म्यूचुअल फंड नहीं होते है लेकिन म्यूचुअल फंड की तरह ही काम करते है यह किसी न किसी बेंचमार्क को ट्रैक करते है जैसे इंडेक्स फंड या ETF फंड यह दोनों ही म्युचुअल फंड स्कीम में नहीं आते है लेकिन Mutual Fund की तरह काम करते है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार
इक्विटी फंड मुख्य रूप से 12 प्रकार के होते है।
लार्ज कैप म्यूचुअल फंड – Large Cap Fund
लार्ज कैप फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड की एक स्कीम होता है इस फंड में भारत की सबसे बड़ी कम्पनियाँ जो शेयर मार्किट में रजिस्टर है उन कंपनियों के शेयर में निवेश किया जाता है लार्ज कैप फंड्स में रिस्क बहुत कम होती है और रिटर्न भी संतुलित होता है, लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करना सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है।
मिड कैप म्यूचुअल फंड – Mid Cap Fund
मिड कैप भी इक्विटी म्युचुअल फंड ही होता है यह फंड भी शेयर मार्किट में निवेश करता है लेकिन यह फंड उन कंपनियों के शेयर में निवेश करते है जिनका मार्किट कैपिटलाइज़ अभी मध्य अवस्था में है यानी जो अभी तक भारत की सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल नहीं हुई है।
मिड कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर रिस्क और रिटर्न दोनों समान मध्य अवस्था में रहता है, न ज्यादा और न कम।
स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड – Small Cap Fund
म्यूचुअल फंड की स्मॉल कैप स्कीम सबसे अच्छी स्कीम होती है निवेश करने के लिए क्योंकि इसी स्कीम के फंड सबसे ज्यादा रिटर्न देते है ऐसे म्यूचुअल फंड जो शेयर मार्किट में रजिस्टर छोटी-छोटी कंपनियों में निवेश करते है उन फंड को स्मॉल कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड कहते है इन स्मॉल कैप फंड्स में रिस्क तो बहुत ज्यादा होती है लेकिन रिटर्न भी बहुत ज्यादा होते है।
ईएलएसएस फंड – ELSS Fund
ऐसे म्यूचुअल फंड जो इक्विटी में निवेश करते है लेकिन आयकर अधिनियम की धार 80C के तहत टैक्स बचत कर सकते है यानी इस म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवशकों को सालाना 1.5 लाख तक की कटौती का दावा करने की अनुमति मिलती है, इसे म्यूचुअल फंड ईएलएसएस(ELSS) फंड या इक्विटी लिंक सेविंग स्कीम (Equity Linked Savings Scheme) फंड कहलाते है।
फ्लेक्सी कैप फंड – Flexi Cap Fund
ऐसे म्यूचुअल फंड जिनमे SEBI द्वारा यह नियम बनाया गया है कि फंड मैनेजर मार्किट की स्थिति के अनुसार फंड के पैसो को लार्ज कैप- मिड कैप – स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर में निवेश कर सकता है यानी किसी में ज्यादा तो किसी में कम निवेश किया जा सकता है।
सेक्टोरल/थीमेटिक म्यूचुअल फंड
सेक्टोरल एवं थीमेटिक फंड हमेशा किसी विशेष क्षेत्र की कंपनियों में निवेश करते है जैसे हेल्थ केयर, टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, एनर्जी, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, ई-कॉमर्स, साइबर सिक्योरिटी, आदि, इस फंड में फंड मैनेजर किसी एक सेक्टर की सभी बड़ी और छोटी कंपनियों में निवेश करते है और यह उम्मीद करते है कि यह सेक्टर ग्रोथ करेगा।
इन फंड्स का रिटर्न समय सेक्टर/थीम पर निर्भर करता है इसलिए इन म्यूचुअल फंड में रिस्क बहुत ज्यादा होती है।
मल्टी कैप फंड – Multi Cap Fund
ऐसे म्यूचुअल फंड्स जिनमे SEBI द्वारा नियम बनाया गया होता है कि लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनो केटेगरी की कंपनियों में बराबर-बराबर निवेश किया जाये, या फिर किसी भी एक केटेगरी की कंपनी में अपने फंड का 25% तक का पैसा निवेश किया जाना अनिवार्य है।
डिविडेंड यील्ड फंड
डिविडेंड यील्ड फंड इक्विटी केटेगरी के वो म्यूचुअल फंड होते है जिनका मुख्य उद्देश्य ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश करना जो समय-समय पर डिविडेंड बांटती है इसलिए फिर यह म्यूचुअल फंड अपने निवेशकों को भी डिविडेंड प्रॉफिट देती है।
कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड
ऐसे म्यूचुअल फंड जिनका मुख्य उद्देश्य कम कीमत वाले शेयरों में निवेश करना होता है या ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश करना जो अभी अस्थाई असफलताओं का सामना कर रही है जिनका भविष्य में ग्रो करना निश्चित है, कॉन्ट्रा फंड के फंड मैनेजर का मानना होता है कि अभी इन शेयरों को कम कीमत पर ख़रीदा जा सकता है, इसलिए यह फंड भी अच्छा रिटर्न देते है।
फोकस्ड म्युचुअल फंड
ऐसे म्यूचुअल फंड जो बहुत ही कम स्टॉक शेयर रखते है लेकिन यह बहुत जाँच-पड़ताल, सोच-विचार और पूर्ण विश्वास के साथ चुने जाते है इन शेयर को चुनने में फंड मैनेजर को बहुत ही सावधानी से हर शेयर का चुनाव करना पड़ता है इन फोकस्ड फंड का मुख्य उद्देश्य कम शेयर खरीदना लेकिन ज्यादा मुनाफा बनाना होता है।
वैल्यू म्यूचुअल फंड
वैल्यू फंड्स का मुख्य उद्देश्य ऐसी कंपनियों को खोज कर उनके शेयरों को खरीदना है जो अभी अंडर वैल्यू है यानी वैल्यू फंड के फंड मैनेजर किसी भी कंपनी के अंडर वैल्यू शेयर को खरीदने से पहले उस कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस, डिविडेंड्स, कॅश फ्लो, और बुक वैल्यू क्या है और भी चीजे देखि जाती है।
डेट म्यूचुअल फंड के प्रकार
डेट फंड मुख्य रूप से 17 प्रकार के होते है।
- बैंकिंग और PSU
- कॉर्पोरेट बॉन्ड
- क्रेडिट रिस्क
- डायनामिक बॉन्ड
- एफएमपी (FMP)
- फ्लोटर
- गिल्ट
- गिल्ट 10 ईयर
- लिक्विड
- Long Duration
- Medium to Long Duration
- Low Duration
- Medium Duration
- मनी मार्किट
- ओवरनाइट
- Short Duration
- Ultra Short Duration
हाइब्रिड म्युचुअल फंड के प्रकार
हाइब्रिड फंड मुख्य रूप से 7 प्रकार के होते है।
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड – Aggressive Hybrid Fund
एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अपने फंड को बैलेंस रखने के लिए इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज दोनों में निवेश करता है लेकिन यह अपनी पूंजी (कैपिटल) का ज्यादातर हिस्सा इक्विटी शेयर में निवेश करते है जबकी फंड में साइड इनकम और स्थिरता के लिए डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है।
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में रिस्क बहुत होती है लेकिन रिटर्न समान होते है।
कंज़र्वेटिव हाइब्रिड फंड
कंज़र्वेटिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड को हाइब्रिड इक्विटी ओरिएंटेड फंड भी कहते है इस फंड का मुख्य उद्देश्य ग्रोथ और इनकम में संतुलन बरकरार रखना होता है यह फंड अपनी पूंजी का ज्यादातर हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे बांड्स, मनी मार्किट इंस्ट्रूमेंट्स और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते है।
इसमें रिस्क भी कम होती है और रिटर्न भी कम ही रहता है।
इक्विटी सेविंग्स फंड
इक्विटी सेविंग्स हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अपनी पूंजी का अधिकतम हिस्सा इक्विटी शेयर में निवेश करते है जिससे फंड अमाउंट में वृद्धि हो और बाजार में आने वाली गिरावट से अपने निवेशकों का पैसा बचाने के लिए डेट सिक्योरिटीज में भी इन्वेस्ट करते है जिससे फंड में इनकम आती रहे।
इस फंड का मुख्य उद्देश्य अच्छे रिटर्न के साथ अपने आप को संतुलन बनाये रखना होता है।
बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड
बैलेंस्ड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की बहुत ही आसान रणनीत होती है यह फंड अपनी आधी पूंजी को इक्विटी शेयर में और आधी पूंजी फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते है यानी डेट इंस्ट्रूमेंट में जहाँ से इनकम आती रहे। इस प्रकार के फंड में रिस्क और रिटर्न ठीक -ठाक होते हे।
आर्बिट्राज हाइब्रिड फंड
आर्बिट्राज हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक बहुत ही शानदार फंड होता है इस फंड का मुख्य उद्देश्य बाजार की उतार-चढ़ाव (Up & Downs) के बिच से बिना रिस्क के अच्छा मुनाफा कमाना होता है यह फंड एक ब्रोक्रेज के रूप में काम करता है और अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देता है।
डायनामिक एसेट एलोकेशन फंड
डायनामिक एसेट एलोकेशन हाइब्रिड म्यूचुअल फंड हमेशा बाजार के रुझान पर निर्भर रहता है इस फंड के पास पूरी स्वतंत्रता होती है कि बाजार के अनुसार कभी इक्विटी में ज्यादा निवेश कर सकता है और कभी डेट सिक्योरिटीज में ज्यादा निवेश कर सकता है इसके फंड मैनेजर अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देने के लिए अपने निवेश बदल सकते है।
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड
मल्टी एसेट एलोकेशन म्यूचुअल फंड के पास अपनी पूंजी को चारो तरफ डायवर्सिफाई करने की स्वतंत्रता होती है यानी यह फंड इक्विटी शेयर, बॉन्ड्स, रियल-एस्टेट, कमोडिटी मार्किट आदि सभी में निवेश करते है और अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न बना कर देते है।
सलूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड के प्रकार
सलूशन ओरिएंटेड फंड मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते है।
चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड
सलूशन ओरिएंटेड केटेगरी के अंतर्गत चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड की एक ऐसी स्कीम है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के भविष्य के लिए धन जोड़ना होता है यानी इस फंड में माता-पिता निवेश करके अपने बच्चों की शिक्षा, कॉलेज शिक्षा, बिज़नेस, विवाह आदि के लिए पैसे बना सकते है।
रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड
रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड स्कीम का मुख्य उद्देश्य लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट होता है यानी अगर आप अपने बुढ़ापे के लिए पैसा जोड़ना चाहते है और अपना बुढ़ापा अच्छे से गुजारना चाहते है तो आप इस फंड में निवेश कर सकते है क्योंकि यह फंड अच्छे रिटर्न के साथ-साथ आपको आय भी प्रदान करता है।
अन्य म्यूचुअल फंड
Other Mutual Fund भी मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते है।
इंडेक्स फंड – Index Fund
इंडेक्स फंड एक ऐसा म्यूचुअल फंड होता है जो म्यूचुअल फंड की सभी स्कीम से अलग तरह से काम करता है इस फंड का मुख्य उद्देश्य किसी एक इंडेक्स का अनुसरण करना होता है, स्टॉक मार्किट में रजिस्टर्ड इंडेक्स में से किसी भी एक इंडेक्स को पूरी तरह फॉलो करना होता है जैसा रिटर्न वह इंडेक्स देता है वैसा ही रिटर्न यह इंडेक्स फंड अपने निवेशकों को दे पाता है।
FoF Overseas/Domestic
फंड ऑफ़ फंड्स ओवरसीज या डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड एक बहुत ही शानदार फंड होता है इस फंड का मुख्य उद्देश्य किसी भी इक्विटी या सिक्योरिटीज में निवेश करना नहीं बल्कि देश या विदेशी फंड्स में निवेश करना होता है यानी यह फंड अन्य बहुत सारे फंडो में निवेश करते है।
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद